बिक्रमजीत सिंह
हरिद्वार। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर गए हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी है। इस सीट पर एक ओर जहां प्रत्याशी के साथ भाजपा नेता चुनाव प्रचार में उतर गए हैं वहीं इस सीट से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और दो पूर्व विधायकों स्वामी यतीश्वरानंद और संजय गुप्ता की प्रचार अभियान से दूरी सवाल खड़े कर रही है।राजनीति के गलियारे में चर्चा है कि इन तीनों भाजपा नेताओं ने प्रचार अभियान से दूरी बनाकर ये साबित कर दिया है कि उन्हें पीएम की अगुवाई वाले भाजपा संगठन ने जो प्रत्याशी दिया है वह उसके समर्थन में नहीं है। यहां ये भी बताना जरूरी है कि अभी तक भाजपा के कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर अपने को मीडिया के सामने रखने वाले ये तीनों ही नेता इस समय खामोश हैं। इन्होंने न तो त्रिवेंद्र सिंह रावत के रोड शो में हिस्सा लिया और न ही रविवार को हरिद्वार में किये गए जनसंपर्क अभियान में कहीं दिखे।पीएम मोदी के चयनित प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर रखने की बात से लोग यही कहते नजर आ रहे हैं कि यह पार्टी प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा और लक्सर विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी को थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। लोगों का यह भी कहना है कि विधानसभा चुनाव में संजय गुप्ता और स्वामी यतीश्वरानंद इस बार चुनाव हार गए थे। भाजपा के मजबूत संगठन के बाबजूद संजय गुप्ता और स्वामी यतीश्वरानंद को हरिद्वार की जनता ने नकार दिया था। इसलिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रचार अभियान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस बार पूरे देश में मोदी जी की प्रचंड लहर है, इसलिए भाजपा प्रत्याशी मजबूत स्थिति में है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सबसे प्रमुख नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा को अपनी मां समझते है। अपनी मां के वर्तमान और भविष्य के लिए वह कोई भी निर्णय बहुत ही सोच समझकर करते है। इसीलिए मोदीजी ने भाजपा 400 पार के नारे का संकल्प किया और चुनावी रणनीति बनाई। भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों के लिए एक—एक नाम पर खूब परीक्षण किया गया। प्रत्याशी की छवि, कार्यशैली और राजनैतिक अनुभव का जांचा परखा गया। जिसके बाद हरिद्वार लोकसभा सीट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर संगठन की मोहर लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का आशीर्वाद मिलने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव प्रचार में उतरे।त्रिवेंद्र सिंह रावत की सबसे बड़ी खूबी भाजपा संगठन के प्रति उनकी निष्ठा है। भाजपा के एक मजबूत कार्यकर्ता के तौर त्रिवेंद्र सिंह रावत अपनी पहचान रखते है। लेकिन त्रिवेंद्र के नाम की घोषणा होने के बाद वर्तमान हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, स्वामी यतीश्वरानंद और संजय गुप्ता ने भाजपा हाईकमान के निर्णय पर चुप्पी साध ली और खुद को साइलेंट मोड में डाल लिया। जिसके चलते उनके समर्थक पशोपेश में पड़ गए। समर्थकों को यह समझ नही आ रहा कि वह भाजपा के लिए काम करें या अपने नेता के साइलेंट विरोध का समर्थन करें। इन तीनों नेताओं की कार्यशैली और नाराजगी पर संगठन की पैनी नजर है।