सिडकुल क्षेत्र की सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था पर उठी आवाज़: श्रमिक संघ ने डीएम के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन

बिक्रमजीत सिंह

हरिद्वार (संसार वाणी) सिडकुल क्षेत्र में बढ़ती असामाजिक गतिविधियों और सड़क सुरक्षा के गंभीर मुद्दों को लेकर भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने आज जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन सौंपा। महासंघ के जिला उपाध्यक्ष शुभम मचल के नेतृत्व में सिडकुल के कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों ने मिलकर इस ज्ञापन में विभिन्न समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया और उनके समाधान की मांग की। प्रमुख मांगे सड़क सुरक्षा सिडकुल के राजा बिस्कुट चौक से सम्राट पृथ्वीराज चौहान चौक तक भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही से सुबह और शाम के वक्त लगातार जाम और दुर्घटनाएं हो रही हैं। महासंघ ने मांग की है कि सुबह 7:00 से 9:00 बजे और शाम 5:00 से 8:30 बजे तक भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। असामाजिक तत्वों की बढ़ती गतिविधियां हिंदुस्तान चौक से होटल जसमीन मार्ग पर कुछ असामाजिक तत्वों की गतिविधियों ने वहां की महिलाओं और राहगीरों को असहज कर रखा है। संघ ने इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सिडकुल क्षेत्र में खुलेआम सट्टा खिलाने वाले गिरोहों के खिलाफ भी शिकायतें की गई हैं। महासंघ ने प्रशासन से इस पर त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है ताकि कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान और सामाजिक बुराइयों से बचाया जा सके।नेहरू कॉलोनी में भारी वाहनों की रोक नेहरू कॉलोनी और महादेव पुरम में भारी वाहनों की आवाजाही से होने वाले संभावित हादसों को देखते हुए महासंघ ने इस पर भी तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम महोदय को सौंपा गया। महासंघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान नहीं करता, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।इस अवसर पर महासंघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद राणा, जिला युवा अध्यक्ष सचिन,जिला संगठन मंत्री नरेंद्र चौहान,जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष सपना,रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष मोनू, मिडिया प्रभारी **बिक्रमजीत, विपिन पवार, सुनीत कश्यप, जोगिंद्र बिर्जेश, नितिन और अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।शुभम मचल जिला उपाध्यक्ष, भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ, हरिद्वार ने कहा कि “यह मामला कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ा है, और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। हम जल्द ही एक और बैठक कर अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।”ज्ञापन सौंपने के बाद, प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाता, तो कर्मचारियों के हित में कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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