बिक्रमजीत सिंह
देहरादून (संसार वाणी) टिहरी बांध प्रभावितों के पुनर्वास में हुए भूमि फर्जीवाड़े ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। एक ही व्यक्ति द्वारा एक ही भूमि को दो बार बेचने की गंभीर गड़बड़ी पर जिलाधिकारी ने कठोर रुख अपनाते हुए परियोजना से जुड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।दरअसल, पुलमा देवी नामक विस्थापित महिला को दी गई भूमि से जुड़ा यह मामला जून माह के द्वितीय जनता दर्शन में सामने आया था। जांच में सामने आया कि जिस व्यक्ति ने वर्ष 2007 में अपनी भूमि विक्रय कर दी थी, उसी के नाम पर 2019 में बिना किसी सत्यापन के पुनः भूमिधरी दर्ज की गई और भूमि का विक्रय कराया गया।जिलाधिकारी ने इसे “व्यथित और विस्थापितों की पीड़ा पर खेला गया शर्मनाक खेल” करार देते हुए कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा, प्रशासन इस प्रकरण को अधूरा नहीं छोड़ेगा। डीएम की प्राथमिक जांच में तथ्य उजागर होने के बाद उन्होंने एसडीएम अपूर्वा को अग्रेतर आपराधिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।इतना ही नहीं, अवस्थापना पुनर्वास खंड, ऋषिकेश के अधीक्षण अभियंता का वाहन जब्त कर उनसे समस्त विवरण सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही मामले को एसआईटी जांच के लिए संस्तुति की चेतावनी भी दी गई है। यह मामला न केवल पुनर्वास प्रणाली की गंभीर खामियों को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन की सतर्कता और जवाबदेही की मिसाल भी पेश करता है।