नवरात्रि में होती है मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा: स्वामी रामभजन वन

बिक्रमजीत सिंह

हरिद्वार (संसार वाणी) अंतरराष्ट्रीय संत रामभजन वन महाराज करेंगे , श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का गुणगान हरिद्वार/डरबन। श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के अंतरराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में नवरात्र को बहुत विशेष माना जाता है। साल में चार नवरात्रि आती हैं जिनमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि सबसे खास मानी जाती हैं। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित हैं। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के दसवें दिन को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि नागरी प्रचारिणी सभा, विष्णु मंदिर, डरबन में शारदीय नवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. कथा व्यास स्वामी रामभजन वन जी महाराज के मुख से श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का प्रवचन होगा। श्रद्धालुओं को जानकारी देते हुए स्वामी रामभजन वन जी महाराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि में मां की पूजा करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि शारदीय नवरात्रि पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, जिसे घटस्थापना भी कहते हैं। नवरात्रि के आखिरी 3 दिन होते हैं बहुत खास है, जिसमें दुर्गा सप्तमी, दुर्गा अष्टमी और दुर्गा नवमी शामिल हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर, मंगलवार को सुबह 12:18 बजे शुरू होगी। तिथि 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर को घटस्थापना का समय सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे तक रहेगा। घटस्थापना के लिए कुल 1 घंटा 06 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना की जा सकती है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा, जिसके लिए 47 मिनट का समय मिलेगा। 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि 4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार, मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि 5 अक्टूबर 2024, शनिवार, मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि 6 अक्टूबर 2024, रविवार, मां कुष्मांडा ( चौथा दिन) चतुर्थी तिथि 7 अक्टूबर 2024, सोमवार, मां स्कंदमाता (पांचवां दिन) पंचमी तिथि 8 अक्टूबर 2024, मंगलवार, मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि 9 अक्टूबर 2024, बुधवार, मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि, 10 अक्टूबर 2024, गुरुवार मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी, 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्रि व्रत पारण। 12 अक्टूबर 2024, शनिवार, माँ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)। इस बार माँ दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। ज्योतिष के अनुसार पालकी पर सवार माँ दुर्गा अशुभ संकेत दे रही हैं। यह प्राकृतिक आपदा का भी संकेत है। देश में आपदा, महामारी और अस्थिरता।

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