धार्मिक कथाओं के अनुसार रक्षाबंधन के पावन पर्व को मनाने की शुरुआत माता लक्ष्मी ने की थी।

बिक्रमजीत सिंह


हरिद्वार (संसार वाणी) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रामुक्त रहेगी, साथ ही इस दिन कई विशेष शुभ योग भी हैं, जो लगभग 40 वर्षों बाद बन रहे हैं। 40 वर्षों बाद रक्षाबंधन पर विशेष शुभ संयोग भी बन रहे हैं। सुबह से ही परम शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग भी उपस्थित रहेंगे। 9 अगस्त को सूर्य बुध कर्क राशि में एक साथ होने से बुधादित्य योग बनेगा और बृहस्पति व शुक्र का भी मिथुन राशि में एक साथ होना मंगलकारी योग है। धार्मिक कथाओं के अनुसार रक्षाबंधन के पावन पर्व को मनाने की शुरुआत माता लक्ष्मी ने की थी। सबसे पहले माता लक्ष्मी ने ही अपने भाई को राखी बांधी थी। इस दिन बहन भाई को राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन भी देता है।

आइए जानते हैं रक्षाबंधन की पौराणिक कथा…

धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ करवाया। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांग ली थी। राजा ने तीन पग धरती देने के लिए हां बोल दिया था। राजा के हां बोलते ही भगवान विष्णु ने आकार बढ़ा कर लिया है और तीन पग में ही पूरी धरती नाप ली है और राजा बलि को रहने के लिए पाताल लोक दे दिया।
तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा कि भगवन मैं जब भी देखूं तो सिर्फ आपको ही देखूं। सोते जागते हर क्षण मैं आपको ही देखना चाहता हूं। भगवान ने राजा बलि को ये वरदान दे दिया और राजा के साथ पाताल लोक में ही रहने लगे।

भगवान विष्णु के राजा के साथ रहने की वजह से माता लक्ष्मी चिंतित हो गईं और नारद जी को सारी बात बताई। तब नारद जी ने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु को वापस लाने का उपाय बताया। नारद जी ने माता लक्ष्मी से कहा कि आप राजा बलि को अपना भाई बना लिजिए और भगवान विष्णु को मांग लिजिए।

नारद जी की बात सुनकर माता लक्ष्मी राजा बलि के पास भेष बदलकर गईं और उनके पास जाते ही रोने लगीं। राजा बलि ने जब माता लक्ष्मी से रोने का कारण पूछा तो मां ने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वो रो रही हैं। राजा ने मां की बात सुनकर कहा कि आज से मैं आपका भाई हूं। माता लक्ष्मी ने तब राजा बलि को राखी बांधी और उनके भगवान विष्णु को मांग लिया है। ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का यह पावन पर्व मनाया जाता है।

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