बिक्रमजीत सिंह
(संसारवाणी) भारत की वैश्विक छवि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी कूटनीति को एक और अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। जुलाई 2025 में घाना की राजधानी अकरा में प्रधानमंत्री मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया गया। यह सम्मान भारत-घाना संबंधों की गहराई के साथ-साथ वैश्विक नेतृत्व में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।अब तक 24 देशों से मिला है पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मानप्रधानमंत्री मोदी अब तक 24 देशों से सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त कर चुके हैं, जो किसी भी भारतीय नेता के लिए एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। इन सम्मानों में रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रू’, संयुक्त अरब अमीरात का ‘जायद मेडल’, फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’, मालदीव का ‘रूल ऑफ इज्जुद्दीन’, और फिजी, साइप्रस, नाइजीरिया जैसे देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।संयुक्त राष्ट्र ने भी माना नेतृत्व, दिया ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कारप्रधानमंत्री मोदी को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार भी मिल चुका है। यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि है, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक साख और प्रभावशाली उपस्थिति का भी प्रमाण है।वैश्विक दक्षिण की बुलंद आवाज बने पीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदी ने अपने नेतृत्व में भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के साथ वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती से सामने रखता है। उनकी विदेश यात्राओं ने भारत को नए आर्थिक अवसर, निवेश, और संस्कृति के आदान-प्रदान का केंद्र बना दिया है।घाना का सम्मान भारत-अफ्रीका संबंधों में नई ऊर्जायह सम्मान ऐसे समय आया है जब तीन दशकों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की यात्रा की है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने घाना की संसद को संबोधित करते हुए कहा,> “भारत और घाना का संबंध केवल राजनयिक नहीं, बल्कि साझा मूल्यों और विश्वास की गहराई पर आधारित है। यह सम्मान भारत की सवा अरब जनता का सम्मान है।”उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, सांस्कृतिक एकता और साझा विकास यात्रा को आगे बढ़ाने पर बल दिया।भारत का बढ़ता हुआ वैश्विक कदघाना द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया यह दुर्लभ सम्मान, उन चुनिंदा विदेशी नेताओं को ही प्राप्त होता है जिन्होंने विश्व मंच पर उल्लेखनीय योगदान दिया हो। यह न केवल भारत के बढ़ते हुए प्रभाव और सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत अब विश्व समुदाय में एक विश्वसनीय, प्रेरणादायक और निर्णायक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है।