बिक्रमजीत सिंह
देहरादून (संसार वाणी) आज राज्यपाल भवन में उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने एस.जी.आर.आर. इंटर कॉलेज सहसपुर के प्रधानाचार्य डॉ.रविंद्र कुमार सैनी को उनके अंग्रेजी काव्य लेखन के लिए राजभवन में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।महामहिम राज्यपाल ने डॉ. सैनी के अंग्रेजी काव्य लेखन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा दुर्लभ शैली में अंग्रेजी काव्य लेखन किया गया है।जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए।महामहिम ने साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी राष्ट्र के प्राण उसके साहित्य में ही जीवित होते हैं। जिस प्रकार निर्जीव शरीर का कोई मूल्य नहीं होता,ठीक उसी प्रकार उत्तम साहित्य के बिना राष्ट्र का कोई मूल्य नहीं हो सकता।एक चिंतनशील कवि को हमेशा विचारशील रहते हुए अपने विचारों और अपने अनुभवो को अपने लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को लोगों के साथ साझा करना चाहिए।साहित्य रचना के माध्यम से भी देश और राष्ट्र निर्माण मे योगदान किया जा सकता है।महामहिम राज्यपाल ने डॉ रवीन्द्र सैनी के नवीन प्रकाशित हिंदी काव्य संग्रह “प्रेरणास्रोत” का अवलोकन किया तथा उनके इस काव्य संग्रह की भी सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक होने के साथ-साथ डॉ. सैनी साहित्य क्षेत्र में भी उच्च स्तर का सृजन कर रहे हैं।महामहिम राज्यपाल ने डॉ. सैनी के द्वारा चलाए जा रहे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान” की भी सराहना करते हुए कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे अभियान में अपना यथायोग्य योगदान देना चाहिए।ऐसे अभियान की भी समाज को आवश्यकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान पर संपूर्ण देशवासियों को प्रेरित करते आए हैं।उनके इस अभियान को कार्य रूप देते हुए विस्तार दिया जाना चाहिए। महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर डॉ. सैनी को अपनी पुस्तक “आत्मा के स्वर”भेंट की। महामहिम राज्यपाल की विशाल हृदयता,उनकी सरलता,उनके उच्च विचारों की प्रशंसा करते हुए उनका आभार प्रकट किया।कि इससे पहले भी दो बार में डॉ. सैनी को राजभवन में सम्मानित कर चुके हैं।महामहिम राज्यपाल के द्वारा सम्मानित एवं हमारे प्रेरणास्रोत पुस्तक के अवलोकन किए जाने पर हिंदी साहित्यकार,वरिष्ठ समाजसेवी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष देवभूमि जागृति फाउंडेशन डॉ रजनीश सैनी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा की डॉक्टर रविंद्र सैनी समाजसेवा,शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में युवाओं को मार्गदर्शन के साथ-साथ प्रेरणा देने का कार्य कर रहे हैं। देश के समाजसेवियों, साहित्यकारो एवं शिक्षा जगत के शिक्षाविदों को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए।